हिंदू अपने को उच्चस्थ सिंहासन पर बैठे देखना चाहता है। चाहना कोई बुरी बात नहीं है,मन में इच्छा होगी तभी तो हम आगे बढ़ेंगे लेकिन एक इच्छा जो बलवती है सारकारी नौकरी की ,कुर्सी की नौकरी का कारण है सरकार द्वारा दी जाने वाली अत्यधिक सुविधायें और कुछ ऐसे नियम जो अकर्मण्यता की ओर ले जाते हैं तभी तो सरकारी नौकरी के लिये जब कई कई लाख रिष्वत देने के लिये तैयार रहता है तो हैरानी होती है उतने रुपये में कोई अच्छा कारोबार कर सकते हैं परंतु मेहनत करनी पड़ेगीएक बार सरकारी नौकरी मिल जाये लाखों रुपये तो रिष्वत में ही कमा लिया जायेगा आम जनता का काम कोई ऐसे ही फोकट में कर दिया जायेगा ।
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