Tuesday 21 July 2020

Golden earth


Golden Earth

Moon when I see you in the sky
I wish I have the wings so can fly
I wish I can see  beauty of Your Land
Where all over there silvery Sand
Golden tree mountain have white cream
I will sleep and see a sweet dream
You came wearing white cotton gown
Took me with you said see your town
Your earth is more beautiful than moon
So green and watery with many boon
So many colors are there on earth
There are sea ,ice river tree all are worth
See the beauty of your motherland
With your relation and helping hand.

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Sunday 5 July 2020

गर्मी हो गई ख़तम

गरमी की छुट्टी खतम


गरमी होगई खतम
पढ़ाई अब करनी पड़ती है
जल्दी होती शाम
बहुत ठंडी लगती है
मम्मी सूरज दा से बोलो
अभी नहीं जाओगे
अपनी सारी गरमी लेकर
वापस फिर आओगे
पड़ जायेगी गरमी फिर से
घरती तप जायेगी
ब्ंादी होगी स्कूलों की
छुट्टी हो जायेगी
कुल्फी आइसक्रीम फलूदा
खूब मजे से खायेंगे
पतंग उड़ायें किरकिट खेलें
मिलकर मौज मनायेंगे ।

Saturday 4 July 2020

चुन्नू मुन्नू




ऊधमी चुन्नू मुन्नू



चुन्नू मुन्नू दोनों चुहे

ऊधम बहुत मचाते

कुतर कुतर कर कागज कपड़ा

फिरते थे इठलाते

इक दिन देखा लाला के घर

रोटी दाल पकाते

तब दोनों के मन में आया

खाना चलो बनाते

मोदी लाला की दुकान से

आटा दाल चुराया

एक पेड़ के नीचे जाकर

 चूल्हा एक जलाया

मिट्टी के कुल्हड़ में भरकर

बड़ी चटपटी दाल बनाई

रोटी बेली गोल गोल

और बड़े मजे से उसे फुलाई

एक फूल कर गेंद बनी

एक रह गई चपटी चपटी,

फूली पर जीभ दोनों की

खाने को थी रपटी








Friday 3 July 2020

कहाँ जा रहे बादल भैया

कहाॅं जा रहे बादल भैया

कहाॅं जा रहे बादल भैया
मुझको जरा बताओ ,
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इतनी जल्दी क्या है तुमको
तनिक देर रुक जाओ ।
थोड़ा सा पानी ,खेतांें को
थोड़ा सा पेड़ांें को
कुछ पानी तालों को देदो
 कुछ पानी मेड़ों को
भारी भारी लाद पोटली
क्यों भागे जाते हो
पौधे सारे सूख रहे हैं
इनको क्यों तरसाते हो ।
नदिया हो गई दुबली दुबली
प्यासी सूख रहीं हैं,
तुमको पानी लाते देखा
मन तें हूक रही हैं
क्रते हो कल्याण जगत काFree Free Cloud Clipart, Download Free Clip Art, Free Clip Art on ...
निर्भर तुम पर सब प्राणी
तुमसे ही है भरा समंदर
धरती की चूनर धानी ।

Thursday 2 July 2020

वीर बालक दुर्गा दास राठोर

दुर्गादास राठौर
जोधपुर नरेश यशवंत सिंह जी को सूचना मिली कि उनकी एक ऊँटनी का वध एक किसान के लड़के ने कर दिया है। महाराजा ने किसान को पकड़ बुलाया। किसान महाराजा का क्रोध देख थर थर काॅपने लगा और अपने बारह वर्ष के बालक को आगे करके बोला महाराज अपराध इस बालक से हो गया है।
महाराज ने क्रोध से डाॅटकर लड़के से पूछा तुमने ऊँटनी को मारा। बालक की भवें सिकुड़ी और निर्भीकता से बोला,‘ हाँ महाराज मैने ऊँटनी को मारा पर क्या करता मैं अपने खेत की रक्षा कर रहा था। आपका ऊँटों का रखवाला खेत की तरफ से ऊँटनियाँ लाने लगा मैंने मना किया लेकिन चरवाहे ने ध्यान नही दिया। हूजुर अगर हमारा खेत नष्ट हो जाता तो हम खाते क्या? इसलिये जैसे ही ऊँटनी ने खेत में मुँह डाला मैने उसका सिर धड़ से अलग कर दिया यह देखकर दूसरी ऊँटनियाँ लेकर रक्षक आपके पास आ गया।’
महाराज ने बालक की ओर देखा उन्हें विश्वास नही हुआ कि इतना छोटा सा बालक ऊँटनी मार सकता है उन्होनें पूछा ,‘तुमने ऊँटनी मारी कैसे?’
बालक ने इधर उधर देखा एक परबालिया ऊँट सामने से जा रहा था। वह उस ऊँट के पास गया और कमर से तलवार खीचकर उसने ऐसा हाथ मारा कि ऊँट की गर्दन एक बार में ही कट गई। उसका सिर गिर पड़ा। महाराज बालक की वीरता और निर्भीकता से दंग रह गये उसे उन्होनें अपने पास रख लिया और उसे युद्ध की अस्त्र शस्त्र की और शास्त्रों की शिक्षा दिलवाई। यही बालक इतिहास प्रसिद्ध वीर दुर्गादास हुए जिन्होनें औरंगजेब से यशंवत सिंह की रानी और राजकुमार अजीत सिंह की रक्षा की।

Wednesday 1 July 2020

फल मंडी मैं आये


गरमी के आने के संग संग

फल मंडी में आये

खट्टे मीठे रंग बिरंगे

मन को बहुत लुभाये ।

लाल टमाटर खीरा फालसा

लगे ठेल पर आने

कले काले जामुन खिरनी

खुद को लगे सजाने ।

तरह तरह के पीले पीले

आम बहुत ललचाते

तरबूजा खरबूजा खाकर

तृप्त बहुत हो जाते ।

सब फल होते ठंडे ठंडे

करते हमको कूल कूल

कहते खाकर तर हो जाओ

गरमी को तुम जाओ भूल ।


जुगनू


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