Tuesday, 26 March 2024

Dedo pankh udhar

  देदो पंख उधार

तितली रानी तितली रानी

देदो पंख उधार

उड़ते उ़ड़ते जाउंगी मैं 

परियों के दरबार।

 मधुमक्खी ने दिये हैं मुझको 

घड़े मधु के चार,

कमलकली के फूलों का

बनवाया मैंने हार।

गुब्बारे में भर फूलों ने 

दी सुगंध की झार,

परियों की रानी को दॅूगी

मैं सारे उपहार ।

सपने में परियॉं जब आती

 करती हमसे प्यार ,

मन करता है जाकर देखॅूं

उनका भी संसार ।

तितली रानी तितली रानी 

देदो पंख उधार ,

वापस कर दॅंूगी आकर 

जाने दो इक बार ।

Sunday, 24 March 2024

धरती की पूजा

 ☺धरती की पूजा



सुबह सुबह मैं नदी किनारे

खेतों में था गया टहलने

खेत किनारे सूरज भैया

अपने घर से लगे निकलने

बहुत दूर मेड़ों के पीछे

तुमको चुपके आते पाया

खूब सुनहरा रंग तुम्हारा

खेतों में सोना बरसाया

सुबह सुबह मेरी दादी जी

नदी किनारे पूजा करती

नदिया के पीछे से भी मैं

तुमको आते देखा करती

सिंदूरी रंग में रंगकर क्या

धरती का अर्चन करते हो।

लगता है दोनों हाथों से

तुम भी पूजा करते हो।