Sunday 24 March 2024

धरती की पूजा

 ☺धरती की पूजा



सुबह सुबह मैं नदी किनारे

खेतों में था गया टहलने

खेत किनारे सूरज भैया

अपने घर से लगे निकलने

बहुत दूर मेड़ों के पीछे

तुमको चुपके आते पाया

खूब सुनहरा रंग तुम्हारा

खेतों में सोना बरसाया

सुबह सुबह मेरी दादी जी

नदी किनारे पूजा करती

नदिया के पीछे से भी मैं

तुमको आते देखा करती

सिंदूरी रंग में रंगकर क्या

धरती का अर्चन करते हो।

लगता है दोनों हाथों से

तुम भी पूजा करते हो।


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