वे कुछ क्षण
शनिवार , फरवरी 21 1970 चार बजे का समय होगा, मार्क अपनी मित्र नैन्सी के साथ मियामी नदी पर समुद्री दीवार के मुहाने पर कार धोने के लिये ले गया। नैन्सी ने मुस्करा कर सहायता करनी चाही तो मार्क ने हाथ पकड़कर प्यार से कार ही में बैठा लिया।
‘ठीक है तो मै बैठी तुम्हें देखती रहूँगी।’ मार्क ने मुस्तांग (कार का नाम) को नदी से 45 का कोण बनाते हुए खड़ किया था। उसका बांया सामने का पहिया कंकीट की बनी दीवार पर टिका था। कार के अन्य पहिये स्काई हारवर मरीना की घास पर टिक थे। उस स्थान का मालिक स्वयं मार्क का पिता ही था।
मुस्तांग की सफाई करने में मार्क को आधा घंटा लगा। पानी के छीटों से बचने के लिये नैन्सी ने कार के सभी शीशे कस कर बंद कर दिये थे। वहीं पास ही मार्क के पिता अपनी नाव पोकाहीन्तास पर काम कर रहे थे।
कार मे बैठी नैन्सी ने उसमें लगी कार रेडियो सुनने के लिये उसने इगनीशन चाबी घुमायी। लेकिन गलती से वह चाबी दूसरी ओर घुमा गई। एकाएक मार्क चौंका। कार आगे खिसक रही थी। लो गेयर में पड़ी गाड़ी का स्टार्टर शोर करने लगा। मार्क ने जल्दी से दरवाजा खोला और ब्रेक पर पैर रखना चहा लेकिन मुस्तांग किनारे की ओर उतरने लगी।
पोकाहोन्तास पर खड़े मार्क के पिता ने देखा कि गाड़ी के पिछले पहियों ने जमीन छोड़ दी है। कुछ क्षण के लिये वह स्थिर हुई। स्तब्ध उन्होने देखा उनका पुत्र कार के साथ आधा बाहर आधा भीतर घिसटता हुआ उसे पीछे घसीटने में लगा हैं। जैसे ही कार नीचे झुकी एक तेज लहर आई और दरवाजे की बन्द कर गई।
पीछे रह गये मार्क ने झपट कर कार की छत पर चढ़ कर नैन्सी की तरफ का दरवाजा खोलना चाहा। आगे की सीट के पास पहुँचकर वह चिल्लाया। बाहर आ जाओ बाहर निकलो लेकिन कार तब तक पूरी झुक चुकी थी और मार्क बाहर लटका रह गया। उसका दाया पैर दरवाजे में फंस गया उसे कुचलती कार नदी में जा गिरी।
चार बजकर बत्तीस मिनट पर मार्क ने पिता सहायता के लिये फोन कर रहे थे। नारमन नामक फायर मैन उसी क्षण अपने साथियों के साथ घटना स्थल की ओर रवाना हो गया।
पानी के अंदर मार्क का दम घुटने लगा। किसी तरह वह दरवाजे मे से पैर निकालने में सफल हो गया। सतह पर आकर चिल्लाया नैन्सी नीचे कार में है कोई सहायता करो। साँस भरकर वह फिर कार ढूंढने पानी में चला गया पर कुछ क्षण में ही उसे वापस आना पड़ा उसके फेफड़े फूल गये थे। और वह पत्ते की तरह काँप रहा था।
किनारे पर अब तक भीड़ जमा हो चुकी थी। उन्ही में से डेबिड हार्ले नामक व्यक्ति कमर में रस्सा बाँध कर कूद गया। पानी में गहन अंधेरा छाया था। चार पाँच फिट नीचे कार अदृश्य पड़ी थी। हाथ से टटोलने पर डेबिड ने महसूस किया कि उसका एक दरवाजा ऊपर की ओर है उसने उसे खोलने की कोशिश की लेकिन खोल न सका तो दरवाजे के हेंडल में कस कर रस्सी बाँध कर ऊपर आ गया।
मार्क दोबारा कूदना चाहता था लेकिन उसकी हालत इस योग्य थी ही नहीं उसे पीछे खंीच लिया गया तब तक फायर मैन और पुलिस पहुँच गई। फायर मैन बान लेन और डान ग्रीन दोनों नदी में कूद गये। बाब ने महसूस किया कि कार में ताला लगा हुआ है और शायद ड्राइवर की तरफ वाला द्वार है गाड़ी दाहिनी तरफ की करवट से पड़ी हुई थी।
शाम गिविन्स और पोल डेमन ने भी पानी में उत्तर कर कोशिश की लेकिन द्वार नहीं खोल पाये। वास्तव में जब कार दीवार पार कर रही थी नैन्सी समझ ही नही पाई थी कि क्या हो रहा है। जब विन्ड स्क्रीन पर पानी फैला तब उसे हाश्ष आया। अपने रैड क्रास के जीवन रक्षा के कोर्स में उसने सीखा था कि ऐसे खतरे में गाड़ियों में हवा के बबूले छिपे रह जाते हैं चारों ओर अंधकार छा गया था। पानी धीरे धीरे उसके पैरों से कमर तक फिर छाती तक चढ़ आया था। पानी के सिर तक पहुँचने पर वह समझ गई कि अब वह कुछ ही क्षणों की मेहमान है।
कार के पिछले हिस्से में उसने तैरने की कोशिश की और एक साफ स्थान पर गहरी साँस ली। उसे कुछ हवा के बबूले मिल गये थे। नैन्सी ने हिम्मत नही छोड़ी वह शान्त रही उन लोगों को किसी तरह ज्ञात हो जाना चाहिये कि मै जीवित हूँ कहीं मृत जान कर कोशिश करना न छोड़ दे। उसने पीछे के शीशे थपथपाना शुरू किये। कुछ क्षण तक वह ऊपर देखती रही कुछ काला काला नजर आया कहीं मिट्टी बादल तो नही? उसने सोचा तभी बादलों ने आकृति ग्रहण की दो गहरे रंग के पैर नजर आये। यह मार्क या जो गाड़ी न मिल पाने की बजह से वापस लौट गया।
नैन्सी को साँस लेना मुश्किल हो गया था। गाड़ी को पानी में आये पाँच मिनट हो गये थे। हवा के बबूले भी खत्म हो गये थे और किनारे से तेजी से पानी आना शुरू हो गया था। डरी हुई नैन्सी ने हवा लेने के लिये इधर उधर मुँह घुमाया और कुछ ही क्षणों में उसके आगे अंधकार छा गया। अब तक दस मिनट बीत चुके थे और लारी नार्टन अंदर आने की कोशिश में था। पहली डुबकी में नार्टन ने भी औरों की तरह ड्राइवर वाले दरवाजे को ही खोलने की कोशिश की लेकिन उसे लगा कि वह दरवाजे पर खड़ा नही है वरन् उसके सहारे तैर रहा है शायद कार लहरों के थेपेड़ो से पलट गई थी।
पहली डुबकी में वह साठ सैकिंड तक साँस रोके रहा। उसने प्रत्युत्तर की आशा से शीशा थपथपाया परन्तु कुछ सुनाई न पड़ा। चौथी बार उसके साँस रोकने की ताकत कम होती जा रही थी। जो भी अंदर है वह समाप्त हो चुकी है उसने सोचा।
अपनी अगली डुबकी में उसे कार नही मिली। अब उसमें पन्द्रह सेकिड तक साँस रोकने की ताकत बाकी थी। आठवीं बार वह पानी में गया और ड्राइवर के दरवाजे पर पहुँच गया। आठ सैकंड बीत चुके थे। बोनेट की तरफ तैरता वह दूसरी तरफ पहुँचा वहाँ द्वार टटोला तो पाया दरवाजा कुछ खुला है। उसने उसे आधा मीटर और खोला और अंदर टटोला पर कुछ नजर न आया। अब तक तेरह सेकंड बीत चुके थे। साँस लेने की उसे बेहद आवश्यकता महसूस हुई लेकिन लड़की को इस समय छोड़ना उसे गवारा न था।
उसने धमनियों के द्वारा साँस लेना प्रारम्भ किया और कार मैं घुस्ने का प्रयास करने लगा। दूसरे ही क्षण उसका हाथ किसी वस्तु से टकराया। एक संेडिल पहने पाँव थे। बीस संकिड बीत चुके थें
थकान से लड़ता हुआ नाार्टन भयानक तेजी से काम कर रहा था। उसने लड़की को आगे की सीट पर खींच लिया और उसकी पतली कमर के चारों ओर हाथ से घेरा बना दिया। तभी उसे लगा एक हाथ धीरे धीरे स्वंय ही उसके दाहिने हाथ को लपेट सा रहा है नार्टन एक उत्साह से भर उठा।
जीवन के इस क्षण ने बिजली की तेजी से उसमें जीवन संचार किया। उसने किसी तरह खींच कर उसे कार में से निकाला। कुछ ही क्षण में नैन्सी सतह पर थी। उसके बाद निकला नार्टन । नैन्सी का चेहरा काला पड़ चुका था। आँखें बंद थी नार्टन शंकित हो उठा उसी क्षण नैन्सी ने हवा के लिए इधर उधर सिर हिलाया और चिल्लाई बचाओ।
नार्टन ने उसी समय नैन्सी को उल्टा लिटा कर उसके पेट से पानी निकालना शुरू किया लेकिन पानी केवल कुछ बूंद ही निकला। बेहोशी की हालत में भी नैन्सी ने अपने अंदर पानी नहीं जाने दिया था। हाश्ष में आने पर नैन्सी ने अपने को हरी घास पर पाया। वह धीरे धीरे साँस लेने लगी। आँखें बंद थी। उसे मार्क की दुखी आवाज पड़ी इसकी आँखें खुलेंगी नही क्या? नैन्सी समझ गई कि वह सकुशल है। कुछ देर बाद वह अस्पताल में थी उसे आक्सीजन चढ़ रहा था। नार्टन ने धीरे धीरे उसकी पलकों पर हाथ फेरा पन्द्रह मिनट तक जीवन से संघर्ष करने के बाद नैन्सी ने फिर आँखे खोंल दी।
No comments:
Post a Comment