Tuesday, 24 December 2024

chanda ki barat

 च्ंादा की बरात


 


च्ंादा की बारात सजी है


झिलमिल तारे बने बराती


बादल बाजे चले बजाते


चपला नृत्य दिखाती ।


आसमान का चक्कर लेकर


 सूरज के दरवाजे आई


चंदा का स्वागत करने


किरणें अगवानी को आईं।


सूरज की बेटी घूंघट में


धीरे से पग धरती आई


लाज भरे नयनों से हंसकर


ऊषा ने माला पहनाई


क्रते हुए विदा बेटी को


स्ूारज की ऑंखे भर आईं


गले लगा बेटी को कसकर


छल छल छल ऑंखें छलकाईं ।


 


 

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