चुहिया बित्ते भर की
चॅूं चॅूं चॅंू चॅंू चॅंू चॅूं चॅूं चॅूं
घर में मुनिया को पड़ी सुनाई
मम्मी देखो मम्मी देखो
अपने घर में चिड़िया आई
पंखा देखा खिड़की देखी
देखा आलमारी पर चढ़कर
तस्वीरों के पीछे देखा
सोफे पर से उझक उझक कर
दिखी न चिड़िया कहीं कोई भी
फिर कैसे आवाज है आई
भ्रम तो नहीं हुआ है मुझको
चॅूंच्ॅूंाॅू की आवाज थी आई ,
आॅंखें दो दो चमक रही थीं
अलमारी के पीछे से
ताक रही थी कैसे खींचंू
रोटी लटके सींचे से
नकल उतारी मुनिया ने
झंुककर बोली चॅूं च्ॅूंा च्ॅूंा ं
चुहिया उछली डरकर भागीे
और होगई मन्तर छू
मुनिया चीखी बड़ी जोर से
भागी आई घबराई
गेादी लो माॅं गोदी लो
देखो देखो चुहिया आई
हॅंस हॅंस कर सब हुए दोहरे
बित्ते भर की है चुहिया
डरकर चिपक रही मम्मी से
डेढ़ हाथ की देखो मुनिया ।
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