मकड़ी करती कमाल है
छोटी सी मकड़ी ने
कैसा कमाल दिखाया
झूल झूल कर आगे आगे
खुद ही धागा बनाया
कभी इधर और कभी उधर
धागे से लटकी जाये
धागे से बंुन बुनकर चादर
रहने को जाल बनाये
फिर नन्हे अपने बच्चों को
धीरे से बिठलाये
छोटे छोटे कीड़े लाकर
जाले में उन्हें फंसाये
कभी उतरकर कोने कोने
कीड़े वह ले जाती
अपने नन्हे बच्चों को
कीड़े खाना सिखलाती,।
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