Tuesday, 13 August 2024

Jute vala Billa

 जूते वाला बिल्ला

कहानी एलिजाबेथ ऐबेट प्रस्तुति डा॰ षषि गोयल

बहुत दिन हुए एक आदमी के तीन पुत्र थे ,मरते समय उसने बड़े पुत्र को घर दूसरे पुत्र को खेत दिये लेकिन सबसे छोटे पुत्र को अपना पालतू बिल्ला दे गया । सबसे छोटा पुत्र जैक यह समझ न सका कि बिल्ले का क्या करे ? ‘इसे मार दूं’ उसने कहा,‘ फिर उसके फर का कोट बनालूं। लेकिन उसका फर मेरे को पूरा नहीं पड़ेगा।’

‘मालिक मेरे को मत मारो’ बिल्ले ने जैक से कहा,‘ मेरे को एक जैकेट एवं एक जोड़ी जूते देदो ,आपको खास नुकसान नहीं होगा।’ जैक जानता था कि कोई खास खर्च नहीं आयेगा इस लिये उसने बिल्ले को एक जैकेट,एक जोड़ी जूते एवं एक हैट दे दिया। बिल्ले ने इन्हें पहना और एक खाली टोकरी उठाई और रास्ते पर निकल पड़ा ।

 बिल्ले ने बहुत दूर जाकर एक घर देखा ,उसके पिछवाड़े हरी सलाद की पत्तियां उगी हुई थीं। उसने द्वार खटखटाया, मालकिन ने झांका तो बिल्ला बोला,‘ मेरे मालिक ने जो डयूक आफ विलोवन्डर हैं वे सलाद के लिये पत्तियां चाहते हैं, अगर थोड़ी पत्ते दोगी तो वे तुम्हें अच्छा इनाम देंगे।’ मालकिन बहुत खुष हुई उसने बिल्ले को पत्तियां देदीं। बिल्ले ने जल्दी से बोरे में पत्तियां भरी फिर अपने रास्ते निकल पड़ा। एक जगह उसने खरगोष के घर बने देखे ं एक बड़े से घर के पास उसने पत्तियों का बोरा टिका दिया। थोड़ी ही देर में एक पहलवान खरगोष वहां आया । पत्तियों को सूंघकर उन्हें खाने के लिये बोरे में घुस गया । बिल्ले ने बोरे के मुंह को कसकर बंद किया,पीठ पर लादा और चल दिया। चलते चलते वह राजा के महल पर पहुंचा,‘सुनो सुनो ’ बिल्ले ने कहा ,एक बिल्ला राजा से मिलना चाहता है। ’ राजा के पहरेदार ने खिड़की से झांका,एक बिल्ले को  मनुष्यों की पोषाक में देखकर दंग राजा के पास भागा आया,

‘महाराज! महाराज!’ वह चिल्लाया’ एक जुते पहने बिल्ला बारादरी में खड़ा है।’

‘ वाह! क्या दृष्य होगा,’ राजा ने कहा,‘ मुझे सुनकर अच्छा लगा ,बुलाओ उसे ं’पहरेदार बिल्ले को राजा के पास लाया । उसे ऊपर से नीचे तक देखने के बाद राजा ने कहा,‘ वाह क्या मजेदार तमाषा है ,तुम्हारे इस बोरे में क्या है ?’

‘ मोटा सा खरगोष हुजूर ।’ बिल्ला बोला,‘ मेरे मालिक ने यह आपके भोजन के लिये भेजा है’। 

तुम्हारा मालिक कौन है ?’

‘ क्यों वह डयूक ऑफ विलोबंडर हैं ’ बिल्ले ने कहा ।

‘ठीक है ’ राजा ने कहा,‘ किसी दिन वो भी मेरे साथ भोजन पर पधारें ।’

दूसरे दिन बिल्ला दो बत्तख लाया। एक बार फ्रि महल के फाटक पर चिल्लाया’

सुनो सुनो, एक बिल्ला राजा से मिलने आया है।’

पहरेदार राजा के पास दौड़ा दौड़ा गया,‘ महाराज वह बिल्ला आज फिर आया है।’

‘ उसे आने दो ।’ राजा ने कहा ।

पहरेदार बिल्ले को लेकर अंदर आया‘ तुम्हारे बोरे में क्या हाथ पैर चला रहा है।’

‘ दो मोटी मोटी बत्तखें ।’ बिल्ले ने कहा,‘ महाराज के हुजूर में अपने मालिक की ओर से पेष करता हूं ।’

‘ तुम्हारे मालिक से मिलना चाहता हूं । ’ राजा ने कहा,‘ किसी दिन उससे कहो मेरे साथ खाना खाये ।’

बिल्ला दौड़ा दौड़ा घर गया और जैक से बोला ,ः कल राजा इधर से गुजरेंगे ,तुम्हें वैसे ही करना होगा जैसे मैं कहूं, अब तुम जैक नहीं डयूक ऑफ विलोवन्डर हो ।’

दूसरे दिन बिल्ले ने राजा की गाड़ियों की खड़खड़ाहट सुनी तो बोला ,‘ जैक दौड़ कर नदी में कूद जाओ लेकिन कपड़े किसी पत्थर के नीचे छिपा देना।’

जैक बिल्ले के कहे अनुसार कूदा , बिल्ला सड़क के किनारे खड़ा हो गया जैसे ही राजा की बग्धी दिखाई दी जोर से वह चिल्लाने लगा ,‘ बचाओ ! बचाओ !मेरे मालिक डूब रहे हैं ,डयूक आफ विलोवन्डर डूब रहे हैं’

राजा ने गाड़ीवान से कहा,‘ इस बिल्ले को मैं पहले भी देख चुका हूं जाओ और उसके मालिक को बचाओ ।

तब बिल्ले से कहा ,’ मालिक को मेरे पास लाना ’

‘ हाय कैसे ? इस समय उनके पास कपड़े नहीं हैं वे डूबे उससे पहले ही कपड़े डूब गये।’

‘ इसमें क्या परेषानी है?’ राजा ने कहा और एक पहरेदार को महल से कपड़े लाने भेज दिया उतनी देर नदी से निकाला हुआ जैक झाड़ी के पीछे छिपा सर्दी से कांपता रहा। जब बिल्ला कपड़े लाया तब उन्हें जैक ने पहना ।

राजा के भेजे कपड़े पहनकर जैक डयूक सा ही लग उठा वरन् और भी सुंदर। राजा ने जैक को  अपने और अपनी पुत्री के साथ गाड़ी पर ही बैठा लिया। गाड़ीवान ने बिल्ले से अपने साथ बैठने के लिये कहा लेकिन बिल्ला आगे आगे भागते हुए चलता रहा ।

बिल्ला षीघ्र  ही गाड़ी की दृष्टि से ओझल हो गया। जल्दी ही वह एक बहुत बढ़िया और बड़े से जौ के खेत के पास पहुंचा जहां दो व्यक्ति पहरा दे रहे थे ं बिल्ले ने दोनों से कहा,‘ इधर राजा आ रहे हैं अगर वे यह पूछें कि खेत किसके हैं तो कहना‘ ये खेत डयूक ऑफ विलोवन्डर के हैं अगर ऐसा नहीं कहा तो लौट कर मैं तुम्हारे टुकड़े टुकड़े कर दूंगा’

 फिर भागता बिल्ला एक मवेषीखाने के पास पहुंचा । वहां बहुत अच्छे अच्छे भेड़ बकरियां गाय भैंसें थे दो गड़रिये उनकी देखभाल कर रहे थे। बिल्ले ने दोनों गड़रियों से कहा,‘ देखो इधर बहुत जल्दी राजा आने वाले हैं वे पूछेंगे ये किसके जानवर हैं तो तुम लोग कहना डयूक ऑफ विलोवन्डर के हैं अगर तुमने ऐसा नहीं किया तो मैं तुम्हारे टुकड़े टुकड़े कर दूंगा ।


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