Monday, 27 January 2025

akbar birbal ke kisse 1

  अकबर बीरबल के किस्से

बादषाहत किस काम की


अकबर के कोई सन्तान नहीं हुई थी, सलीम  चिष्ती की दरगाह पर उन्होंने मन्नत मानी और तब उनकी बेगम मरियम उज जमानी के एक पुत्र हुआ । उसका नाम अकबर ने सलीम रखा । वह किषोरावस्था से ही मद्यपान करने लगा। उसकी मद्यपान की आदत से अकबर बहुत परेषान रहने लगा। उसने बहुत प्रयत्न किया कि किसी प्रकार से वह दुर्व्यसन से छूट जाये। अंत में बीरबल की सलाह से अकबर ने नगर में ढिंढोरा  पिटवा दिया‘ ‘षहजादे सलीम से गद्दी का हक छीन लिया गया है। बादषाह किसी योग्य व्यक्ति को गद्दी का हकदार बनाना चाहते  हैं। इसके लिये गरीब या अमीर होना आवष्यक नहीं ,आवष्यक है योग्यता। वह राज्य काज कर सके इसके लिये उस व्यक्ति को बादषाह के कुछ प्रष्नों का उत्तर देना होगा । अगर वह उचित उत्तर देगा तो बादषाह उसे अपना उत्तराधिकारी बनायेंगे।’

  नगर में जनता में बेचैनी हो गई। जनता को सलीम के हक छीना जाना पसंद नहीं आ रहा था। सलीम को खबर हुई कि बादषाह उसका हक छीनकर किसी अनजान व्यक्ति को देना चाहते हैं तो वह भी घबराया। परंत्ुा ढिंढोरा पिट चुका था, इसलिये वह कुछ कर नहीं सकता था । वह चुप बैठ गया, सोचा अगर तकदीर साीधी चली तो उसका हक नहीं छिनेगा।

नियत दिन बादषाह के बाग में मंडप  बनाया गया। मंडप के बीच में गद्दी के हकदारों के बैठने और खड़े होने के लिये स्थान निष्चित किया गया। पद और प्रतिष्ठा के अनुसार नगर के गणमान्यों के बैठने लिये स्थान बनाया गया। जगन्नाथ पंडित,बीरबल , टोडरमल, अब्दुलफजल,खानाखाना फैजी,ख्वाजाजंग, तानसेन, तानतरंग बैजू बाबरा ,कविगंग और राज माता। करीब एक लाख लोगों के बैठने के लिये व्यवस्था की गई थी । महिलाओं के बैठने के लिये अलग व्यवस्था थी,वहां पर्दा लगा हुआ था। धीरे धीरे पंडाल भर गया। एक एक करके सरदार, उमराव, अमीर,दरबारी,राजा,महाराजा , सेठ ,साहूकार सबके आ जाने के बाद अकबर आये , साथ ही उनके बीरबल भी थे । सब अपने अपने नियत स्थान पर बैठ गये । चोबदार ने पुकारा ,‘ जिस किसी को दिल्ली की बादषाही का अधिकारी बनना है,वह आगे आये,यहां गरीब अमीर उमराव राजकुमार षहजादा जो कोई परीक्षा में उत्तीर्ण होगा,वह गद्दी का उत्तराधिकारी होगा ।’

चोबदार की घोषणा सुनकर पदाभिलाषी आकर नियत स्थान पर एकत्र हुए, उनमें एक साधारण से वस्त्र पहने किषोर भी था । अकबर के दरबार के प्रमुख बारह व्यक्ति थे।। प्रत्येक को बारी बारी से प्रष्न पूछने थे ।

पं ॰जगन्नाथ ने पूछा,‘ जगत में सबसे बड़ी खान कौन सी है ?’

इसके उत्तर में किसी ने गोलकुंडा की खान , किसी ने बाई की,जिसके मन में जो खान याद आई बताई । उनके बीच में एक आवाज आई ,‘ सबसे बढ़कर ओला खान है ’।

पं॰जगन्नाथ ने देखा यह उत्तर उसी किषोर ने  दिया था। 

बीरबल ने उठकर तुरंत प्रष्न किया,‘ लड़के इस नाषवान् जगत में सबसे बढ़कर क्या है ?’

लड़के ने बिना सोच विचार के उत्तर दिया,‘धर्म’

आगे का प्रष्न कवि गंग ने किया,‘ पुत्र सबसे मीठा क्या है ’

लड़का बोला ‘गरज’

ख्वाजा ने प्रष्न किया‘ पवन से भी बढ़कर वेगवान् कौन है ?’

गरीब लड़के ने उत्तर दिया‘ मन’।

फैजी ने खड़े होकर पूछा,‘राज्य की अमूल्य वस्तु कौन है ’?

लड़के ने उत्तर दिया,‘ राजनीति। उत्तर देकर लड़का बोला ,इतने सरल प्रष्नों की आषा नहीं थी’ दरबार में सन्नाटा छा गया ।यह लड़का इतने कठिन प्रष्नों को सरल बता रहा है। पंडित जगन्नाथ ने फिर पूछा,‘ सच्चा साक्षी कौन है ?’

लड़का बोला ‘अपना मन’।

बीरबल ने पूछा,‘संसार की स्थिति कहां तक है?’

लड़के ने उत्तर दिया ,‘ अपनी मृत्यु तक’

बादषाह अकबर आष्चर्य से लड़के की ओर देख रहे थे,वे बोले ,‘ मृत्यु से संसार का क्या संबंध?’लड़के ने उत्तर दिया,‘प्राण हैं वहीं तक सब कुछ,फिर आप मरे तो जग मरा ’। बादषाह ने बीरबल से लड़के की बुद्धिमानी की सराहना  की । गंग कवि ने पूछा ,मूर्ख कैसे जाना जाता है ?’ लड़का ’‘बोलने से ’।

मियां तानसेन को भी पूछने की इच्छा हुई ,उन्होंने खड़े होकर प्रष्न किया,‘राग और फाग में क्या अंतर है ?’लड़का दृढ़ता से बोला ,नाग और काग के बराबर।

सारी सभा उस लड़के की बुद्धमानी और चपलता से चकित हो गई।’

नगर की जनता और सभा में उपस्थित सभी को लगा कि अब सलीम का भाग्य दुर्भाग्य में अवष्य बदल जायेगा। फैजी ने सोचा कि ऐसा प्रष्न किया जाये कि लड़का घबरा जाये। उन्होंने पूछा,बादषाह के क्रोध का स्वरूप क्या है?’उत्तर मिला ,‘लगी हुई आग ’।

अबुलफजल बोले,‘‘किसके फल मीठे हैं’।

लड़का बोला ,-धैर्य के

बैजू बाबरा से भी पूछे बिना नहीं रहा गया,उन्होंने पूछा,‘अच्छा पुत्र बताओ,‘ रेती में कितने दाने हैं ’

उत्तर मिला ,‘जगत में जितने मनुष्य जीवित हैं उन सबके षरीर में जितने रोम हैं उतने ’

रहीम खनखाना ने पूछा,‘बल की सहायता करने वाला कौन है?’लड़के ने तत्काल उत्तर दिया,‘ साहस ’राजा टोडर मल ने पूछा,‘सबसे नीच दषा कौन सी है ?’लड़के ने उत्तर दिया ‘गुलामी’ । राजा टोडरमल का चेहरा उतर गया, वे चुपचाप बैठ गये। राजा मानसिंह ने पूछा,‘पुत्र बताओ संसार में नीच से नीच व्यापार कौन सा है ?लड़का बोला,‘ भिक्षा।’ राजा टोडर मल की फिर एक प्रष्न पूछने की इच्छा हुई ,उन्होने खड़े होकर पूछा,‘‘पुत्र बताओ  वह कौन सी वस्तु है जो एक बार गये फिर नहीं लौटती है ’ लड़का बोला ,‘समय ’।

एक साधारण से दिखने वाले किषोर से इतने व्यावहारिक अच्छे सटीक उत्तर सुनने की किसी को आषा नहीं थी । बादषाह अकबर ने प्रसन्न होकर कहा ,‘लड़के तेरी जो इच्छा हो मांग ’

लड़का बोला,‘मेरी एक इच्छा पूरी हो जाये तो मैं चला जाऊं एक दरबारी बोला ,‘लड़के बादषाह तेरी हर इच्छा पूरी करेंगे,अपनी इच्छा तो बताओ ।’

लड़के के हाथ में एक गन्ने का टुकड़ा था,वह बोला ,‘यह गन्ना बहुत मीठा है, यदि इस गन्ने से बादषाह किसी से बांसुरी बनवा दें तो एकदम मीठी स्वर लहरी निकलेगी ,मैं मीठी तान बजाता बादषाह बन जाउंगा ’। यब एक दूसरे का मुंह देखने लगे। गन्ने से बांसुरी कैसे बन सकती है।

‘जब मेरी एक इच्छा पूरी नहीं हो सकती तो बादषाहत किस काम की, मैं वृथा क्यों ठहरूें।’कहकर गन्ने का टुकड़ा वहीं छोड़कर चल दिया। बादषाह ने उसके पीछे दरबारी भेजे लेकिन लड़का कहीं नहीं दिखा ं।


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